परम्परागत कृषि विकास योजना
इस योजना की शुरूआत मार्च, 2015 में लागु हुई थी एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किया गया है । दरअसल रासायनिक खेती की वजह से एक तरफ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता पर
असर पड रहा है, वही मानव स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 300 करोड़ रूपए का बजट पास किया था। यह योजना एकल किसान
की बजाय एक कलस्टर के लिए है। एक कलस्टर में 50 एकड जमीन होगी व कलस्टर में कम से कम 20 और अधिक से अधिक 50 किसान शामिल हो सकते हैं।
उद्देश्य :
- जैविक खेती को बढ़ावा देना।
- मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाना।
- मानव उपयोग के लिए रसायन मुक्त एवं पौष्टिक फसल के उत्पादन को बढ़ावा देना।
- पर्यावरण को हानिकारक कार्बनिक रसायन से मुक्त करने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहन देना।
लाभान्वित वर्ग :
- इस योजना से सभी वर्गों के किसान लाभान्वित होंगे।