प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की है | इसी क्रम में सरकार द्वारा मछली पालन अर्थात जलीय कृषि करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है | केंद्र की श्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इस योजना को ‘नीली क्रांति’ का नाम दिया है। इस योजना के अंतर्गत जलीय कृषि करने वाले किसानों को बैंक ऋण, बीमा आदि अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी |
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY Scheme) के अंतर्गत सरकार द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगो को 3 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जा रहा है | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए बजट में 20,050 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है | इस धनराशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए किया जायेगा, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे |
उद्देश्य :
- केंद्र सरकार द्वारा संचालित यह योजना मछली पालन के क्षेत्र में अब तक चलायी जाने वाली योजनाओं में सबसे बड़ी योजना है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करनें का मुख्य उद्देश्य देश में मछली पालन को बढ़ावा देना है | इसके अंतर्गत मछली की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा ,साथ ही मत्स्य पालन करने वाले लोगों को जिले स्तर पर विभाग द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा |
- देश के अधिकांश राज्यों में मछलियों की मांग काफी अधिक है | ऐसे में यदि इस क्षेत्र को और अधिक विकसित करने के साथ ही उन्नत बनाने पर ध्यान दिया जाए तो इससे रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि होगी
- वर्तमान समय में मछलियों का विदेशों में निर्यात से भारत सरकार लगभग 46,589 करोड़ रुपये की आय हो रही है और अब सरकार ने मत्स्य निर्यात पर 1 लाख करोड़ की आय प्राप्त करनें का लक्ष्य निर्धारित किया है।
लाभान्वित वर्ग :
- फिशरमैन
- मछली किसान
- मछली श्रमिक और मछली विक्रेता
- स्वयं सहायता समूह (SHG)
- मछली किसान उत्पादक संगठन / कंपनियाँ (FFPOs / Companies )
- मछली पालन क्षेत्र
- मत्स्य सहकारी समितियाँ
- मत्स्य पालन संघ
- उद्यमी और निजी फर्म